The best Side of Shodashi
Wiki Article
हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं
A novel aspect of your temple is that souls from any religion can and do offer you puja to Sri Maa. Uniquely, the temple management comprises a board of devotees from different religions and cultures.
Quite possibly the most revered among these is definitely the 'Shodashi Mantra', which is stated to grant equally worldly pleasures and spiritual liberation.
॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥
सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना get more info है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥
कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥
‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥